वीर गाथा - डी के निवातिया
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
मुर्दा यह शाम हुई
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
कोरोना के प्रति जागरुकता
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
धृष्टता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम