Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 2 min read

राम राज्य अब रहा नहीं !!

राम राज्य अब रहा नहीं !!
~~~~~~~~~~~~~🙏~~~~~~~~~~~~

राम अयोध्या रही न वैसी, तब जैसे प्रतिवेश नहीं|
राम राज्य में थी यह जैसी, वैसा अब परिवेश नहीं||

हिय में वास नहीं करते तुम,
पाहन में गढ़वा डाला|
मंदिर की तस्वीरों में रख,
शीशे में मढ़वा डाला|
द्वेष तिरोहित है हर मन में,
जला रहे फिर भी रावण|
वाह्य दिखावा राम सदृश है,
अन्तर्मन से निशिचर गण|

कर्म अधर्मी ऐसा करते, किया कभी लंकेश नहीं|
राम राज्य में थी यह जैसी, अब वैसा परिवेश नहीं||१||

राम तुम्हारे आदर्शों को,
भक्त तुम्हारे निगल गए|
लोभ, लालसा के बस होकर,
हिम खण्डों सम पिघल गए|
राम तुम्हारे पदचिन्हों पर,
अब चलना स्वीकार नहीं|
भक्त तुम्हारे हैं लाखो पर,
हनुमत सम व्यवहार नहीं|

बाहर से अब सन्त जो दिखता, मन भीतर दरवेश नहीं|
राम राज्य में थी यह जैसी, अब वैसा परिवेश नहीं||२||

मानवता का धर्म दिया जो,
सबने आज भुला डाला|
श्वेत वसन तन ऊपर लिपटा,
पर सबका मन है काला|
सिया हरण की व्याकुलता है,
मन का संयम टूट रहा|
लखन लाल ही बना दुशासन,
रामप्रिया को लूट रहा|

काम- क्रोध के मद में अन्धे, दया हृदय में लेश नही|
राम राज्य में थी यह जैसी, अब वैसा परिवेश नहीं||३||

मानवता अब करती क्रन्दन,
पल – पल उठती चित्कारे|
छल- बल है अब बना पुरोधा,
नीति – नियम सब हैं हारे|
भरत लखन को ढूँढ़ रहे सब,
भ्राता से निज छले गए|
निज पुत्रों से हुए प्रताड़ित,
दशरथ वन को चले गए|

सेवा- धर्म पड़े सब आहत, लगता कुछ अब शेष नहीं|
राम राज्य में थी यह जैसी, अब वैसा परिवेश नहीं||४||

आओ या फिर कर्म सुधारो,
तभी धर्म स्थापित होगा|
विधर्मी अनयायी जन का,
मान तभी विस्थापित होगा|
राम राज्य निर्वाण के पथ पर,
आकर इसमें प्राण भरो|
वसुधा का संत्रास हरण कर,
जन- जन के तुम त्राण हरो|

नाश करो मन के रावण का, इच्छा और विशेष नहीं|
राम राज्य में थी यह जैसी, अब वैसा परिवेश नहीं||५||

✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’ ‘
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण,
बिहार

1 Like · 324 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
🙏विषय
🙏विषय """श्राद्ध 🙏
umesh mehra
उस पार
उस पार
Meenakshi Madhur
जिंदगी के अल्फा़ज
जिंदगी के अल्फा़ज
Sonu sugandh
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सत्य कुमार प्रेमी
!! कुद़रत का संसार !!
!! कुद़रत का संसार !!
Chunnu Lal Gupta
14. Please Open the Door
14. Please Open the Door
Santosh Khanna (world record holder)
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
पं अंजू पांडेय अश्रु
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
3333.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3333.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरा भगवान तेरा भगवान
मेरा भगवान तेरा भगवान
Mandar Gangal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*नारी*
*नारी*
Dr. Priya Gupta
अंगद उवाच
अंगद उवाच
Indu Singh
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
दोहे रमेश शर्मा के
दोहे रमेश शर्मा के
RAMESH SHARMA
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
मेरे जीवन सहचर मेरे
मेरे जीवन सहचर मेरे
Saraswati Bajpai
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
क्या इंतज़ार रहता है तुझे मेरा
क्या इंतज़ार रहता है तुझे मेरा
Ajit Kumar "Karn"
10 Habits of Mentally Strong People
10 Habits of Mentally Strong People
पूर्वार्थ
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
सूर्य देव के दर्शन हेतु भगवान को प्रार्थना पत्र ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाल कविता : रेल
बाल कविता : रेल
Rajesh Kumar Arjun
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय*
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...