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3 Aug 2024 · 1 min read

राम रटलै

थ्हारी म्हारी छोड़, रचना रटलै राम नै।
ठावी मिळ्सी ठौड़, राम रावळै जीतिया।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️

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