राम भी होगा
कोई रावण है दुनिया में कोई तो राम भी होगा
भलाई जिनका मकसद है, भला ही काम भी होगा
किसी को जख्म देकर लोग हँसते हैं भलाई पर
बुराई का ज़माने में बुरा अंजाम भी होगा
फ़क़त मंजिल को पाने की तमन्ना रख चला कीजै
इन्हीं मुश्किल सी राहों में कभी आराम भी होगा
सहारा मयकशी का है इसी से दोस्ताना है
अगर बोतल खुलेगी तो लबों पर जाम भी होगा
कहीं देखा नहीं ‘सागर’ धुआँ बिन आग के होते
किसी का नाम आया है, तो वो बदनाम भी होगा