** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनला में एतना तऽ…**
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माई-बाप के बचनिया लेके ओढ़े के पड़ी
कुछहू कऽह देई केहू,मेहर छोड़े के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ, करे के पड़ी
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छोड़ऽल आपन तीर अपने के मोड़े के पड़ी
आपन जनमऽले से अपने के लड़े के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ करे के पड़ी —
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उनके दुःखवा के सुनि माथा धरे के पड़ी
बिरह अगिया में दिन-रात जरे के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ करे के पड़ी —
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दूनों अंखियन से आँसू ई केतनों गिरी
एगो जियरा के दुई फांट करे के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ करे के पड़ी —
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फूल जईसन ई देंहिया पाथर करे के पड़ी
कुंश कांटा में जिये खातिर मरे के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ करे के पड़ी —
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“चुन्नू”सरजू में समाधि लेके तरे के पड़ी
केहू लांक्षन लगाई, जियते मरे के पड़ी
राम बनऽला में एतना तऽ करे के पड़ी —
कुछहू कऽह ——————————
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता – मऊ (उ.प्र.)
9005592111