राम नाम
प्रभु राम मर्यादा पुरुषोत्तम, सीता स्वयं पुनीता है।
रामकथा प्रासंगिक हर युग, हर संवाद ही गीता है।
आदिपुरुष में रामायण का चीर हरण करने वालों-
भारतभूमि का तो कण-कण, राम नाम में जीता है।।
कवि पंकज प्रियम
साहित्योदय साहित्योदय-अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास