राम नहीं आयेंगे
राम नहीं आयेंगे!!
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चलो सीये अब शस्त्र उठालो,राम नहीं अब आयेंगे।
आ भी गये बलहीन राम, फिर कैसे तुझे बचायेंगे?
छोड़ महावर अस्त्र संभालो,
खुद हीं अपना लाज बचालो।
कुटिल चाल जो चले मंथरा,
उससे घर परिवार बचालो।।
घात लगाये बैठी मंथरा , उसेको क्या समझायेंगे?
चलो सीये अब शस्त्र उठालो, राम नहीं अब आयेंगे।।
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कब तक अश्रू बहायेगी ,
यूँ केकैयी के तानों से।
ऐसे ही वनवास मिलेगा,
हर दशरथ दरबारों से।।
अत्याचार के अनुयायी हैं, ये क्या तुझे बचायेंगे।
चलो सीये अब शस्त्र उठालो, राम नहीं अब आयेंगे।।
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तब था बस एक ही रावण,
अब तो वह हर घर में है।
राम के जैसा बल पौरूष,
अब कहाँ सिया के वर में है।।
तुम्ही कहो बलहीन राम अब , कैसे तुम्हें छुड़ायेंगे?
चलो सीये अब शस्त्र उठालो, राम नहीं अब आयेंगे।
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✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”