राम दिवाली
वो त्रेता था अब है, कलियुग की बारी जिसमे हुई है राम जी के घर वापसी की भव्य तैयारी ।
फर्क बस इतना है पहले वन से आये थे, अब टैंट से अपने महल मे आये है रघुराई । घर घर मंगल गान कर रहे है नर और नारी।
हम अपने युग का इतिहास बनायगे , बन इस पल के साक्षी हम राम जी के स्वागत मे घर घर दीप जलाएंगे ।
गाँव हो या नगर सब मिलकर दिवाली मनाएंगे,
त्रेता हो या कलियुग हर युग मे राम आऐंगे,
सत्य की नीति से सारी रीति निभाऐंगे।