राम दर्शन
राम दर्शन
प्राण प्रतिष्ठा हो गई,पौष में दिवाली भई,
खत्म हुआ इंतज़ार, दर्शन तो कीजिए ।
शुक्ल पक्ष की द्वादशी,संवत नाम है अस्सी,
सिंहासन बैठें राम,दर्शन तो कीजिए ।
राम की अवध सजी,शंख शहनाई बजी,
मंदिर विराजे राम, दर्शन तो कीजिए ।
अद्भुत अवध धाम,परमात्मा स्वयं राम,
सौभाग्य दिया राम ने,दर्शन तो कीजिए।
अवसर आते कम,सनातनी परचम,
लहराया है अम्बर, दर्शन तो कीजिए ।
जुट गये साधु संत,मठाधीश व महंत,
अगुवाई श्री राम की,दर्शन तो कीजिए ।
छोड़ दो पिछली बात,भेद भाव जाति पात,
दिवाली सा त्योहार है, दर्शन तो कीजिए ।
राम राज्य हो साकार,विनती है बार बार,
राम से बिरोध छोड़,दर्शन तो कीजिए ।।
राजेश कौरव सुमित्र