राम तेरी माया
राम तेरी ही माया
जब भी मुसीबत में खुद को हे पाया।
हे राम , तेरा ही नाम
बस जुबा पे हे आया।
राम तेरी ही माया
राम नाम से ही फैली है
इस जग में खुशियों की छाया।
राम तेरी ही माया।
राम , नाम के शिवा
ना कोई नाम ही ,शुमर ही में पाया।
आँखें जो बन्द की
समीप तुझे ही पाया।
जपा तेरा नाम ,जिसने दुख में भी
सब दुख दूर हुए उसके
उसने अलग ही आन्नद इस जहाँ में हे पाया।
राम तेरी ही माया
जब भी मुसीबत में खुद को हे पाया।
हे राम तेरा ही नाम
बस जुबा पे हे आया।
राम तेरी ही माया
राम नाम से फैली है
इस जहान में खुशियों की छाया।
जो भी तेरी छत्तर छाया में आया
उसने सर्वआन्नद इस जहान में हे पाया।
जैसे हर धाम, तीर्थ में कर आया।
जपा जब से तेरा नाम, सर्वआन्नद मैने उसी में हे पाया।
तडपतें हुये को तुने मोक्ष दिलाया।
आते हुए संकट को तुने दूर भगाया।
राम नाम शिमरणंं में मैंने अपना तन-मन लगाया।
सर्वसूखों का भण्डार ,मैनें उसी में हे पाया।
राम तेरी ही माया
देख आन्नदमीय हुई मेरी काया।
दूर हुआ हर अन्धियारा
प्रकाश फैला मेरे भी मन में
जैसे राम नाम से कोई दिया जला
मेरे भी मन में
राम तेरी ही माया
जब भी मुसीबत में खुद को हे पाया।
तेरा ही नाम ,जपे मेरा मन
तुझे ही हर जगह मैंने पाया।
राम नाम लेके
आन्नदमीय हुई मेरी काया
राम तेरी ही माया
शिमरू में राम नाम
जब भी जुबा पे हे आया
राम तेरी ही माया।….