राम तुम आओ फिर
राम आए थे , तुम जब ।
नष्ट हुआ था , जब सब ।
राम आए थे , तुम जब ।
मिटे भय भृष्टाचार सब ।
पाप व्यभिचार, सब नष्ट हुए ।
राम राज्य में , सब संतुष्ट हुए।
समय पलटा, युग बदला ।
फिर आये, दानब लेने बदला ।
धरती कांपी , अम्बर डोला ।
मानव ने फिर , बदला चोला ।
सूर्पनखा दशानन खरदूषण ,
करते फिर अत्याचार सुदर्शन ।
पाप अनाचार बहुत बड़ा ,
चहुँ और व्यभिचार मचा ।
कोहराम मचाते आए फिर क्षण ,
त्राहिमाम त्राहिमाम करते जन ।
अब न देर लगाओ रामा तुम ,
अब तो आ जाओ हे रामा तुम ।
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।। राम नवमी की मंगल कामनाएं ।।
…. विवेक दुबे “निश्चल”@…… vivekdubeyji.blogspot.com
Blog post 2/2/18