राम कौन रावण कौन
===={{{ राम कौन …रावण कौन … }}}===
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भाईयों और बहनों …. आज दशहरे के पावन अवसर पर रावण दहन के इस कार्यक्रम में शामिल हो कर मुझे हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है……। मैं तहेदिल से आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं । भगवान श्रीराम ने जबसे रावण का वध किया था तब से अब तक हर वर्ष हम सभी रावण दहन करते आ रहे हैं । मंत्री जी स्टेज़ से अपने उदगार व्यक्त कर रहे थे….. परन्तु आज हर व्यक्ति के भीतर कहीं न कहीं ….. किसी न किसी रूप में रावण छुपा हुआ है। रावण दहन तो हम हर वर्ष करते हैं परंतु क्या अपने भीतर के रावण का वध कर पाते हैं ……….?
नहीं कर पाते हैं…..तो भाईयों और बहनों हमें सबसे पहले अपने भीतर के रावण का संहार कर स्वयं को रावण मुक्त करना जरूरी है।
तो आइए आज आप सभी मेरे साथ प्रण लें की हम हमेशा भगवान श्रीराम के आदर्शों का पालन करते हुए उनकेे पदचिन्हों पर चलेंगे। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ …..सभी ने मंत्री जी का जोरदार समर्थन किया।
मुझे खुशी है कि आज रावण दहन का याने की बुराई पर अच्छाई की विजय का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है । फिर मंत्री जी ने रावण को अग्नि के हवाले कर दिया। मंत्री जी हाथ उठाकर सबका अभिवादन करते हुए अपनी मर्सिडीज में बैठ रवाना होने को ही थे तभी उनका मोबाइल बज उठा…..हलो~~~सर जी ये खन्ना प्रोपर्टी के पेपर पर साइन नहीं कर रहा है ……हमने हर तरह का प्रलोभन दिया पर मान ही नहीं रहा है ….क्या करें ….?
इतना मारो साले को ,के मजबूर हो जाए….. और उसकी बीवी को भी उठा कर ले आओ….. उसका बाप भी साइन करेगा।
जलता हुआ रावण ठहाका मारकर हंसने लगा उसके होंठों पर व्यंग्य भरी मुस्कान थिरक उठी ..
…. क्यों… हर साल मेरा ही दहन क्यों….. ? मैं अकेला ही क्यों…..??