राम के जन्म का उत्सव
राम के जन्म का उत्सव मनायेंगे,
जाने कब ये राम को हृदय में बसायेंगे।
वो तो अपनो से छले गये थे,
परंतु ये उनके नाम पे जग को छल जायेंगे।
वो सबरी के जूठन को भी प्रेम में तोल गये,
परंतु ये तो प्रेम को भी हथियार बनायेंगे।
वो तो इक नन्ही गिलहरी के परिश्रम को भी आंक गये थे,
और ये तो परिश्रमियों का मान भी हनन कर जायेंगे।
पिता की आज्ञा पे वो सब त्याग कर चले थे,
और ये माता पिता से हीं सारे त्याग करवायेँगे।
सीता की अग्निपरीक्षा ले, वो उन्हें हमेशा को खो बैठे थे,
उससे सीखने के बजाए, ये उसे हीं उदाहरण बनायेंगे।
वो तो मर्यादा को सर्वोत्तम बना, मर्यादापुरुषोत्तम कहलाये थे,
और ये तो मर्यादा का भी चीर-हरण कर जायेंगे।
राम के जन्म का उत्सव मनायेंगे,
जाने कब ये राम को हृदय में बसायेंगे।