रामायण का पाठ
रामायण का पाठ
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रामायण पुनः प्रसारण देखकर
आया बीता जमाना बचपन याद
फिर उसी दौर में पहुंच गए याद
संपूर्ण कुटुम्ब देखता आया याद
कहीं बिजली देवी चली ना जाए
हाथ जोड़ सब करते थे फरियाद
श्याम श्वेत टीवी बाहर जचा कर
छोटे बड़े सभी बैठते बिछा खाट
प्रत्येक रविवार प्रातःदस बजे का
समय बहुत था, उस वक्त खास
काम – धन्धे सभी जन छोड़ कर
बैठ जाते थे सट टेलीविजन पास
आस-पडौस भी एकत्रित होकर
चले जाते जहाँ टीवी होता पास
सारा देश लॉकडाऊन हो जाता
रामायण प्रसारित होती खास
रामायण देखके मन हुआ उदास
जो छोड़कर चले गए आए याद
आँखों से अश्रुधारा है फूट पड़ी
कर सुनहरी बीताया काल याद
संकट घड़ी कोरोना संग आ गई
रुक गया सारा कारोबार व्यापार
विश्व सारा भारत संग थम गया
चाहिए मर्यादित श्रीराम अवतार
सुखविंद्र आभारी है सरकार का
जिसने दिखाया रामायण पाठ
संकट की घड़ियां ये टल जाएंगी
करिए शाम सवेरे रामायण पाठ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)