रामलीला
जुबां-जुबां पे आज रामलीला के खूब चर्चे हैं
गली घर चौपाल और नुक्कड पे यही चर्चे है
बहुत सारे रावण के पात्र के लिए भटकते हैं
मगर सही संवाद की बजाए कंधे झटकते हैं
लगता है पहले वाले रावण को वुलाना होगा
इस बार फिर से हाथ जोड़कर मनाना होगा
सीता की भूमिका को कोई तैयार नहीं होता
इस बार फिर वही होगा जो हर बार है होता
पैसे देकर फिर कोई कलाकार बुलाना होगा
ऐसे किराए की सीता से काम चलाना होगा
दशरथ महाराज की फिक्र की जरूरत नहीं
इस बार फिर वही है दूसरी कोई सूरत नहीं
उससे बेहतर किसी को पात्र निभाना होगा
वरना उसी दशरथ का दरबार लगाना होगा
राम बनने की नहीं कोई दिलचस्पी दिखाता
भला कौन दस-दस रात मंच के फेरे लगाता
इसी लिए उसी राम से धनुष तुड़वाना होगा
फिर से उसके नाज़ नखरों को उठाना होगा
हनुमान वही होगा जो भी जौहर दिखाएगा
किसी तार या रस्सी पे चलकर बूटी लाएगा
इस शर्त को उसको हर हाल निभाना होगा
तब ही जय श्री राम का नारा लगाना होगा
केकई कौशल्या व सुमित्रा के पात्र हैं पुराने
मंदोदरी मंथरा सरूपनखाँ इस बार न माने
नारी पात्रों की पहेलियों को सुलझाना होगा
उन्हे पुरूष पात्र का लालच दे रिझाना होगा
लक्ष्मन भरत गुस्सैल और वाणी तेज तर्रार
शत्रुधन में शील भाव, होगा तभी बेड़ा पार
सुनो इन सभी पात्रों को ये समझाना होगा
सबसे पहले उन्हे पूरा संवाद सुनाना होगा
कुम्भकरण मेघनाद पात्र को सभी हैं राजी
विश्वामित्र,परशुराम पात्र पे लगती है बाजी
जिनको चाहिए भूमिका रौब दिखाना होगा
सामने वाले पात्रों पर दबदबा बनाना होगा
बाली व सुग्रीव दोनों चाहिए सबसे हटकर
अंगद,विभिषण,जामवंत को रहना डटकर
वानर सेना में बच्चों को फिर बुलाना होगा
डंका राम की विजय का इन्हे बजाना होगा
मारीच,सुबाहू,खर,दुषण हो जाना पहचाना
सबको पसंद हो इन पात्रों का भंगड़खाना
राक्षसों को जमकर हँसना या गुर्राना होगा
बाकी मंत्रियों की भांति मंच सजाना होगा
केवट,भिलनी,जटॉऊ,ताड़का हैं वही पुराने
बहुत से पात्र इस बार फिर से होंगे अंजाने
मंच संचालक अच्छा वक्ता को आना होगा
सच्चा ईमानदार कोई खजांची लाना होगा
बहुत व्यस्त होते हैं कुछ लोग रामलीला में
बहार लौट आती है लोगों की रामलीला में
कुछ लोगों को रोज रिहर्सल में जाना होगा
“विनोद” तभी हासिल कोई नजराना होगा
( जय श्री राम )
( जय जय राम )
( जय सीया राम )
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