‘रामबाण’ : धार्मिक विकार से चालित मुहावरेदार शब्द / DR. MUSAFIR BAITHA
‘रामबाण’ धार्मिक विकार से चालित मुहावरेदार शब्द है।
दूसरी बात, बेईमानी भी है।
मिथक कथाओं के आधार से भी हिंदी में अक्सर जो शब्द एवं लोकोक्ति-मुहावरा बने हैं वे अक्सर सत्ता एवं शासन की बन्दगी में ही हैं, सबल प्रतिपक्ष को भी वहाँ प्रायः मान नहीं मिलता।
यहीं देखिये, ‘अचूक’ के लिए ‘रामबाण’ का प्रयोग होता है जबकि अंधविश्वास की लपेट क से ही बात कहनी हो तब भी ईमानदारी का तकाज़ा यह था कि अद्वितीय धनुर्धर एकलव्य की मिसाल दी जाती, ‘एकलव्यबाण’ कहकर।