रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
16) राजा गुलाब राय
1812 ईसवी के आसपास रामपुर रियासत में राजा गुलाब राय की गिनती अत्यंत धनाढ्य और प्रतिष्ठित व्यक्तियों में होती थी। रामपुर रियासत में आप खजांची के पद पर आसीन थे। नवाब साहब से विशेष आदर आपको प्राप्त था।
आपके पास काले बैलों की जोड़ी थी। आपको अपमानित करने के उद्देश्य से षडयंत्रपूर्वक उन काले बैलों की जोड़ी को नष्ट करने में कुछ लोग सफल रहे। इस कार्य में नवाब साहब को गलत तरीके से समझाने-बुझाने का कार्य संपन्न हुआ। धार्मिक प्रवृत्ति के राजा गुलाब राय के लिए यह अपमान असह्य था। परिणामत: घोर लज्जावश अपने आत्महत्या कर ली।
आपकी मृत्यु के पश्चात आपकी पत्नी अपने एकमात्र पुत्र को लेकर हीरे-जवाहरात आदि के साथ मुरादाबाद चली आईं । संभवत: सुरक्षित रहने का यही उपाय उन्हें जान पड़ा। बाद में नवाब साहब को जब वास्तविकता का पता चला तो उन्होंने पत्र लिखकर राजा गुलाब राय की पत्नी को रामपुर आने का निमंत्रण दिया, लेकिन राजा गुलाब राय की पत्नी ने रामपुर आना उचित नहीं समझा और मुरादाबाद में ही रहती रहीं।
राजा गुलाब राय अग्रवाल जाति के मित्तल गोत्र के थे। यह घटना अग्रवालों या हिंदुओं के विरुद्ध नहीं अपितु अपने प्रजाजनों के प्रति मनमानी रीति से व्यवहार करने की शासक वर्ग की रीति-नीति को दर्शाती है। जब उच्च वर्ग के साथ ऐसी घटना घटित हो सकती थी, तो आम प्रजा-जनों का तो कहना ही क्या ! 1812 ईस्वी में सिवाय गुलाब राय के रामपुर में शायद ही कोई व्यक्ति ‘राजा’ कहा जाता होगा। रियासत के पहले नवाब के राज्यारोहण को इस घटना के समय लगभग 36 वर्ष हुए थे। अतः यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि राजा गुलाब राय के पूर्वज रामपुर में नवाबी शासन की स्थापना से पूर्व के निवासी रहे होंगे।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 61 5451
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संदर्भ
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जोधपुर (राजस्थान) निवासी श्री अशोक कुमार गुप्ता से प्राप्त जानकारी। आपकी कई पुस्तकों की समीक्षा लेखक ने की है। 1937 में प्रकाशित चंद्रराज भंडारी की पुस्तक के संबंधित प्रष्ठ संख्या 497 की फोटो कॉपी आपने लेखक को उपलब्ध कराई थी।