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15 Apr 2022 · 2 min read

*रामनवमी (भक्ति-गीत)*

रामनवमी (भक्ति-गीत)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
चैत्र शुक्ल नवमी की तिथि को सौ-सौ बार प्रणाम
हुए अवतरित थे मर्यादा-पुरुषोत्तम श्री राम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(1)
राजकुमार अयोध्या के थे पर सुख से कब जीते
संकट थे उनके साथी, संघर्षों में दिन बीते
मिलना राजपाट था लेकिन वन को हुई विदाई
षड्‌यन्त्रों के हो शिकार गद्दी मिल रही गँवाई
कहा पिता से वचन आपका पूरा करना काम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(2)
वन में गए ,लौटकर चौदह बरस नहीं फिर आए
भरत खड़ाऊँ लेकर लौटे, किन्तु न समझा पाए
वन में कष्ट सहन करने की चलती थी परिपाटी
लगी राम को राजभवन से शुभ जंगल की माटी
जाड़ा-गर्मी-बरसातों की विपदा सही तमाम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(3)
विपदा में व्यक्तित्व महापुरुषों का सदा निखरता
सोना और चमकता ज्वाला को जब भीतर भरता
सीता को ले गया चुराकर रावण था बलशाली
उससे टक्कर लेने में दुनिया लगती थी खाली
उसी शून्य में लेकर साहस चले राम अविराम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(4)
वन में साथी खोज निकाले ,सेना सारी जोड़ी
जाति-पाँति की ऊँच-नीच की सारी दुनिया तोड़ी
सबको गले लगाया ,सबकी ताकत को पहचाना
सेतु बनाया जब समुद्र पर ,दुनिया में तब जाना
अरे !अरे ! यह राम असम्भव करने वाला नाम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(5)
युद्ध लड़ा रावण को मारा ,लंका मगर न चाही
कहा न रुचिकर लगती लंका ,मेरे लिए पराई
जननी-जन्मभूमि से बढ़कर नहीं जगत में पाते
मातृभूमि है वन्दनीय ,उसकी गाथा हम गाते
राज विभीषण को सौंपा लंका का मन निष्काम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(6)
राजा-राम प्रजा का पालन शुचिता से थे करते
राजधर्म में भूल न किंचित हो जाए थे डरते
उनकी चाह यही किन्चित आरोप न लगने पाए
निष्कलंक राजा का जीवन ही दिखने में आए
राजधर्म से बड़ा नहीं है राजा का निज-धाम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
(7)
सबके जीवन में समता का रामराज्य है गायक
रामराज्य है राजतन्त्र में लोकतंत्र का नायक
रामराज्य का अर्थ यही है कहने की आजादी
रामराज्य का अर्थ न तानाशाही जाती लादी
रामराज्य का अर्थ सुबह मनभावन महकी शाम
राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

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