रामधारी सिंह दिनकर
रामधारी सिंह दिनकर
आधुनिक युग के वीर रस के कवियों में,
उदित हुआ श्रेष्ठ कवि दिनकर के समान।
क्रांति का बिगुल बजाने वाला कभी,
हिंदी साहित्य में रखते थे अग्रणी स्थान।
राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत रचनाएं लिखी,
करे भारतीय उस लेखनी का सम्मान।
देश के प्रति लोगों को जागरूक करती,
कविताएं देश में छेड़ती महासंग्राम।
रामधारी सिंह दिनकर जी एक,
कवि देश भक्त थे विद्वान इंसान।
देशभक्ति पूर्ण रचना लिखने के कारण,
पाया राष्ट्रीय कवि का सम्मान।
बिहार के सिमरिया गांव में,
एक साधारण कृषक था परिवार
23 सितंबर 1960 में जन्म हुआ,
मां मनरूप देवी पिता रवि सिंह थे किसान।
पटना विश्वविद्यालय से b.a. किया,
बंगाली हिंदी मैथिली उर्दू संस्कृत अंग्रेजी का था ज्ञान।
इकबाल, रविंद्र नाथ, मिल्टन से प्रभावित हुए,
बंगाली से हिन्दी में किया टैगोरके लेखो का अनुवाद।
उन दिनों माध्यामिक विद्यालय का पद ग्रहण किया,
1934 में सरकारी विभाग के सब रजिस्ट्रार सुशोभित हुए।
मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष हुए,
1952 में आप सभा के सदस्य मनोनीत हुए।
दिनकर जी कई उच्च सम्मानों से सुशोभित हुए,
भागलपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट् साहित्य अकादमी भारतीय ज्ञानपीठ साहित्य चूड़ामणि,
राष्ट्रपति के हाथों पद्मविभूषण से सम्मानित हुए।
हिंदी जगत के नील गगन के
सूर्य का प्रकाश मृत्यू तिमिर में खो गया।
24 अप्रैल 1974 को चेन्नई में
दिनकर सदा के लिए अस्त हो गया।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश ।