Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2017 · 1 min read

राब्तो को आजमाना चाहिए

एक गजल..

दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए,
राब्तो को आजमाना चाहिए।।

इल्म अपनों का कराने देखिये,
मुश्किलो का वक़्त आना चाहिए,

जिंदगी है मौत की आगोश में,
ख्वाहिशो का ख्वाब लाना चाहिए।।

चाँद के दीदार में देखो सनम
जर्द तारो को भुलाना चाहिए।।

जोखिमो की राह पे चलते हुए,
होसलो के गीत गाना चाहिए।।
#gs

239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
प्रकृति का विनाश
प्रकृति का विनाश
Sushil chauhan
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
Soniya Goswami
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी इम्तिहान
ज़िंदगी इम्तिहान
Dr fauzia Naseem shad
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
चौकीदार की वंदना में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr.Priya Soni Khare
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
gurudeenverma198
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
Mahender Singh
💐प्रेम कौतुक-511💐
💐प्रेम कौतुक-511💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
श्याम सिंह बिष्ट
पहले की भारतीय सेना
पहले की भारतीय सेना
Satish Srijan
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
मन सीत मीत दिलवाली
मन सीत मीत दिलवाली
Seema gupta,Alwar
"शतरंज"
Dr. Kishan tandon kranti
चलते जाना
चलते जाना
अनिल कुमार निश्छल
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
लक्ष्य
लक्ष्य
Suraj Mehra
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
पूर्वार्थ
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
*सुनते हैं नेता-अफसर, अब साँठगाँठ से खाते हैं 【हिंदी गजल/गीत
Ravi Prakash
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
Loading...