रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी
रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी
दुर्गाष्टमी को जन्म लिया जिसने,,
कालिंजर के महाराज कीर्तिसिंह
चंदेल की बेटी थी।
अस्त्र शस्त्र में पारंगत घुड़सवारी
जिसे प्यारी थी।
वो रानी दुर्गावती हिन्दुतानी
बेटी थी।
सौंदर्यता औऱ कोमलता से,,
परिपूर्ण उसकी जवानी थी।
बंधूक और तीरों से अचूक,,
निशाना लगाती थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी
बेटी थी।
साक्षात दुर्गा रूप में रानी अवतारी थी,,
कुशल चातुर्यता से सुशोभीत भुजा
बलशाली थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
गोंडवाना राज्य के राजा दलपतिशाह
की रानी थी।
साहस और स्वाभिमान से सिर ऊँचा
रखती थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
पिता से माँ बाप दोनों का जिसे
प्यार मिला बड़ी भाग्यशाली थी।
गढ़मंडला राज्य की सरंक्षिका बन जिसने कमान संभाली थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
आधीनता का संदेश अकबर का जिसने ठुकराई थी,
आँख बबूला हो जिसने अपनी निडरता और अटूट हौसला को दिखलाई थी,
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
आसिफ़ खा ने सेना के संग सिगोरगढ़ पर चढ़ाई की थी,,
बन दुर्गा साक्षात रानी युद्ध मे मुगलों को परास्त कर औंधे मुँह गिराई थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
मुगलों ने तोपे भर भर गोलो की झड़ी लगाई थी,,
रानी भी गज पर सवार हो अदम्य साहस के साथ दो दो हाथ लड़ाई थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
लगा युद्ध मे अचानक आँख में तीर रानी न घबराई थी,,
पुत्र वीरनारायण ने वीरगति जब पायी थी,
इतना होने पर भी रानी न विचलित हुई थी,
फिर भी शेरनी की भांति शत्रु सेना से पूरी वीरता से लड़ी थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
घायल हुई जब रानी शत्रु उसे छू न सके कटार छाती पर अपने स्वयं चलाई थी,,
अंतिम साँस तक अपनी मातृभूमि की आन बान शान पर मिटकर अमर हुई थी।
वो रानी दुर्गावती हिंदुस्तानी बेटी थी।
गायत्री सोनु जैन मन्दसौर