रानी अवंती बाई
रानी अवंतीबाई को श्रद्धांजलि
दुर्गा जैसी उतरी रण में रखा देश का पानी
जीवन भर वह रही जूझती हार कभी ना मानी
अठ्ठारह सौ सत्तावन की है यह बात पुरानी
रानी खास रामगढ़ वाली खूब लड़ी मर्दानी
लोधी वंश अंश की गरिमा रिपु दल विकराला सी
अंग्रेजी शासन को हर दम बनी प्रचंड ज्वाला जी
देश प्रेम पर मर मिटने कि हमको सीख सिखाई
अमर कर गई नाम सदा को वीर अवंतीबाई
जन जन में जाकर सदैव मैं गौरव गाथा गाऊं
आज तुम्हारा करूं स्मरण श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं