* राधे राधे *
मक्खन ज्यों दही में , पुतली ज्यों नयन में ।
मीन ज्यों नीर में , चंदा ज्यों गगन में।
शीतलता ज्यों पवन में ,खूशबू ज्यों सुमन में ।
यूँ ही बसों प्रभु सभी प्राणियों के मन में।।
राधे राधे।
मक्खन ज्यों दही में , पुतली ज्यों नयन में ।
मीन ज्यों नीर में , चंदा ज्यों गगन में।
शीतलता ज्यों पवन में ,खूशबू ज्यों सुमन में ।
यूँ ही बसों प्रभु सभी प्राणियों के मन में।।
राधे राधे।