Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

राधे राधे बोल

मेरे मन राधे राधे बोल
नाम सुनेंगे श्याम तेरे हो जाएंगे बिन मोल
मेरे मन……..

राधा नाम लगे मनभावन
मनभावन उतना ही पावन
अन्तर्मन में ज्योति जगा ले, अधर सुधा-रस घोल
मेरे मन………..

मानवता का मान बढ़ा दे
विश्व-बन्धुता-भाव जगा दे
देश-काल का भेद भुलाकर चक्षु प्रेम के खोल
मेरे मन……….

ध्यान-मनन गीता का कर ले
जीवन-दर्शन श्याम का ले ले
जन्म ‘असीम’ तेरा हो जाए अति अनुपम अनमोल
मेरे मन……….
✍️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
Tag: गीत
29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
Nazir Nazar
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
"मत भूलना"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
डॉ अरुण कुमार शास्त्री 👌💐👌
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नवसंकल्प
नवसंकल्प
Shyam Sundar Subramanian
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपने दिल की बात कहना  सबका हक होता है ,
अपने दिल की बात कहना सबका हक होता है ,
Manju sagar
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
Ravi Prakash
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
लोग समझते हैं
लोग समझते हैं
VINOD CHAUHAN
तन्त्र- मन्त्र बेकार सब,
तन्त्र- मन्त्र बेकार सब,
sushil sarna
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
Ravikesh Jha
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि।
गुमनाम 'बाबा'
◆आज की बात◆
◆आज की बात◆
*प्रणय*
4075.💐 *पूर्णिका* 💐
4075.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो अनुराग अनमोल एहसास
वो अनुराग अनमोल एहसास
Seema gupta,Alwar
करूँ तो क्या करूँ मैं भी ,
करूँ तो क्या करूँ मैं भी ,
DrLakshman Jha Parimal
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
बात इस दिल की
बात इस दिल की
Dr fauzia Naseem shad
बग़ावत की लहर कैसे.?
बग़ावत की लहर कैसे.?
पंकज परिंदा
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
Bodhisatva kastooriya
ENDLESS THEME
ENDLESS THEME
Satees Gond
आज़ के रिश्ते.........
आज़ के रिश्ते.........
Sonam Puneet Dubey
Loading...