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22 Dec 2020 · 1 min read

राधे पुकारती

चक्षु में अंजन हो , हाथ में कंगन
राधे पुकारती है , कान्हा ओ सजन

भाव मन से मन का , जो तुमसे जुड़ा
रिश्ता मेरा तेरा , इस धरा तुमसे बंधा

माथ पे सजा टीका ,सौन्दर्य अपूर्व बढाये
तोड़ मटकी माखन खाये ,गोपि खिसिआये

नटखट , नटवर , बसन गोपीओं के चुराये
पावै न गोपियाँ , हाथ जोड श्याम बुलाये

कानों में झुमके मेरे , कर खनक बुलाये
बासुरी मधुर बजाओ , गोपी दोड़ी आये

तार दिल के जुड़े ,ब्रज में लीला दिखाये
चित्त चोर कहाये , कनी उंगली पर्वत उठाये

अधरों सजी लाली , दुति श्याम लाल होई
पासे प्रेम के फेंको , गोपियां तुम्हारी होई

देह शोभे हरित दुरीय , हरित हरियाली छाई
काम धाम छोड, कर ,छवि कृष्ण की सुहाई

Language: Hindi
Tag: गीत
70 Likes · 1 Comment · 515 Views
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