राधे…!! आओ रास रचायें
गीत
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राधे…!
आओ रास रचायें
प्रेम करन की ऋतू आई है
आओ–!
हम भी झूमे गायें
राधे…!
आओ रास रचायें
बैठो तो मैं तुम्हें निहारूँ
जीवन का हर अक्स सवारूँ
धड़कन के साज़ों पर थिरकूँ
श्वास श्वास पर तुम्हें पुकारूँ
तज कर सारे जग की माया
प्रणय सूत्र महकायें
राधे…!!
आओ रास रचायें
मन का वृंदावन भी झूमे
भँवरे कलियों का मुख चूमे
तुम नाचो मृगनयनी ऐसे
सृष्टि चहुँ दिश तेरे घूमे
तन मन की सुध बुध सब बिसरे
ऐसे मंगल गायें
राधे…!!
आओ रास रचायें
प्यार प्रिये तेरा अमृत हूँ
तुझमें मैं हीं तो इक सत हूँ
भाव डगर में जब से डूबा
बस तुझमें मैं प्रेमारत हूँ
आओ मिल कर हम भी राधे
प्रेम सुधा बरसायें
राधे—!!!
आओ रास रचायें
© डॉ० अशोक शर्मा ‘अक्स’