Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2020 · 1 min read

राधिका छन्द

[ 12/09/2020]
राधिका छन्द, 13,9 =22
प्रथम प्रयास,
यति से पहले त्रिकल ओर बाद में त्रिकल
*********************************
कुछ अपनो की ये बात, भरो तुम मन में ।
कुछ तो दुनियां में नाम, करो जीवन में ।
मत सोंचो तुम वो बात, अभी कह डालो ।
पहचान बने कुछ खास, यही कर डालो ।
********************************
मैं परदेशी हूँ आज, जरा बतलाले ।
तू अपनी सखियां आज, यहीं बुलवाले ।
कल जाऊंगा मैं चला, धीर धर लेना ।
प्रिय होना नही उदास, सदा सुख लेना ।
*********************************
अब औरों का मैं बोझ, नहीं बन सकता ।
खुद अपना कारोबार, सही कर सकता ।
जीवन यापन भी ठीक, कहीं कर सकता।
जो बनना चाहें आज, वही बन सकता ।
**********************************
मेरे जीवन के आप, सदा रखवाले ।
कर मेरा बेड़ा पार, प्रभू मतवाले ।
जब अटके जीवन नाव, सहारा देना ।
जब देखूं तेरी वाट, प्रभु सुध लेना ।
*********************************
वह अलवेली है नार, करें कुछ बातें ।
उसके है नयन कटार, नहीं बच पाते ।
कुछ प्यासे उसके नैन, मुझे तरसाते ।
हम मीठी उससे बात, नहीं कर पाते ।
*********************************
स्वरचित ✍️
अभिनव मिश्रा
( शाहजहांपुर)
**********************************

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

🙅पता चला है🙅
🙅पता चला है🙅
*प्रणय*
चिंतन
चिंतन
Rambali Mishra
राम चले वनवास
राम चले वनवास
कार्तिक नितिन शर्मा
विसर्जन
विसर्जन
Deepesh Dwivedi
तिनको से बना घर
तिनको से बना घर
Uttirna Dhar
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
नशा नये साल का
नशा नये साल का
Ahtesham Ahmad
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
दण्डक
दण्डक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
सुख की खोज़
सुख की खोज़
Sonu sugandh
गुरु महिमा
गुरु महिमा
अरशद रसूल बदायूंनी
"आज का दुर्योधन "
DrLakshman Jha Parimal
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
पंकज परिंदा
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
कलम ही नहीं हूं मैं
कलम ही नहीं हूं मैं
अनिल कुमार निश्छल
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समझों! , समय बदल रहा है;
समझों! , समय बदल रहा है;
अमित कुमार
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
विरह गान
विरह गान
पूर्वार्थ
खुद को कहें शहीद
खुद को कहें शहीद
RAMESH SHARMA
ताशकंद वाली घटना।
ताशकंद वाली घटना।
Abhishek Soni
Loading...