राधा
राधे-राधे
बरसाने की राधे
वृन्दावन की राधे
बृषभानु की है राजदुलारी
अपनी माता की है प्यारी
बृज मण्डल की शोभा उनसे
कृष्ण की प्राण प्रिया है वो
राधा रानी है देवी महारानी
महिमा उनकी जात बखानी
छवि है उनकी मनमोहक
जिसमें खो जाए मनमोहन
लक्ष्मी का अवतार हो तुम
तुम ही हो कृष्ण का आधार
जिसके नाम जपने से
बदले दुख की धारा
सुख दुख की है साथी
वही हमारी रानी राधा
प्रेम का दूसरा रूप है राधा रानी
भक्तों के दिल में बसती
उनकी प्रेम कहानी
प्रेम में है राधे दिल में राधे
वृन्दावन की गलियन में राधे
श्याम है उनकी मुरली तो
राग है उसमें राधे-राधे
राधा में है कृष्ण या
कृष्ण में बसे हैं राधे-राधे
बिना उनके इस जग में हैं
सब आधे- आधे
राधे-राधे………
बरसाने की राधे
ममता रानी
दुमका,झारखंड