Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Suryakant Dwivedi
46 Followers
Follow
Report this post
25 Aug 2022 · 1 min read
राधा
राधा मन की बाँसुरी, मोहन अपना नूर।
जो डूबा इस प्रेम में, चूर चूर बस चूर।।
सूर्यकांत
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
1 Like
· 194 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Suryakant Dwivedi
View all
सूर्यांश
Surya Kant Dwivedi
You may also like:
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बो
*प्रणय*
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारे अंदर भी कई गुण होंगे,
Ajit Kumar "Karn"
समय बदलने पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
घायल मेरा प्यार....!
singh kunwar sarvendra vikram
दोनों मुकर जाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
मैं तुझसे बेज़ार बहुत
Shweta Soni
छल.....
sushil sarna
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
*युद्ध सभी को अपने-अपने, युग के लड़ने ही पड़ते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
*.....उन्मुक्त जीवन......
Naushaba Suriya
स्कूल जाना है
SHAMA PARVEEN
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
नियति
surenderpal vaidya
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
बदलता_मौसम_और_तुम
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रफ़्तार - ए- ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
अलाव की गर्माहट
Arvina
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
पूर्वार्थ
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
"बिखरता फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...