राधा रानी
कान्हा की मुरली की धुन में बसी है राधा रानी,
मोर पंख की खूबसूरती में रची है राधा रानी ।
बृजमंडल की शोभा उनसे,कृष्ण की वो हृदय हैं –
बरसाने की कण – कण में रमी है राधा रानी ।।
कान्हा की मुरली की धुन में बसी है राधा रानी,
मोर पंख की खूबसूरती में रची है राधा रानी ।
बृजमंडल की शोभा उनसे,कृष्ण की वो हृदय हैं –
बरसाने की कण – कण में रमी है राधा रानी ।।