राधा छंद
राधा छंद 13/9
यति के पहले और बाद त्रिकल
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देना है किसको वोट, चुनो मन ही मन।
अब चाह रहे हो सुखी,आपका जीवन।
दिल में भी लगे न ठेस, काम पूरा हो ।
सोना कीमत पा सके, नहीं कूरा हो ।
लोकतंत्र हो सफल, मिटे डर बैठा ।
अब नहीं कोई दबंग, दिखेगा ऐंठा ।
मतदाता होगा चतुर,होय तब विकास ।
पद लोभी जो भी दिखे,उसे नहीं घास ।
राम का आदेश यही, राम करें काम ।
ताम झाम फैला रहे , और करे नाम।