राधाकृष्ण
राधेकृष्ण की प्रीत अनोखी जो जग ने ना देखी होगी
प्रेम है उनका ऐसा अनूठा जो छोड़े ना ही छूटी होगी
राधेकृष्ण है एक दूजे के संग प्रेम ना ऐसी देखी होगी
प्रेम है उनका सबसे सच्चा जो बिन बांधे बंधी होगी
नाम भी हैं एक दूजे के संग नाम ना ऐसी देखी होगी
राधे के मन में प्रेम है सच्चा प्रीत ना ऐसी देखी होगी
रहते एक दूजे के हृदय में वास उनका स्थान वही है
पीड़ा हो एक को तो हृदय में दर्द दोनों को होते वहीं हैं
राधा के मन में कृष्ण बसे हैं कृष्ण के मन में बसी है राधा
दोनों है एक दूजे के संग चाहे हो मार्ग में कितनी भी बाधा
ममता रानी