रात में कितना भी मच्छर काटे
रात में कितना भी मच्छर काटे
जो आलस्य से मच्छरदानी नहीं लगाए और
सुबह कितना भी ठंड लगे ,
लेकिन जो पंखा बंद करने के लिए
बिछावन से नहीं उतरते हो
आलसी मानव उसे ही कहते है !!
~आलसी मानव
रात में कितना भी मच्छर काटे
जो आलस्य से मच्छरदानी नहीं लगाए और
सुबह कितना भी ठंड लगे ,
लेकिन जो पंखा बंद करने के लिए
बिछावन से नहीं उतरते हो
आलसी मानव उसे ही कहते है !!
~आलसी मानव