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13 Jul 2022 · 1 min read

रात तन्हा सी

रात तन्हा सी
दिल को फिर भायी
आपकी याद
बेपनाह आयी
सोच का इख़्तिलाफ़
कैसा था
बात मेरी समझ
नहीं आयी
भूल कर तुझको
मेरे जीने की
कोई सूरत नज़र
नहीं आयी
ज़िन्दगी तल्ख़
एक हक़ीक़त है
सोच कर आंख
मेरी भर आयी।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
13 Likes · 324 Views
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