रात का शहर
रात के शहर में
उजालों की बस्तियाँ हैं
जहाँ नींद में ऊँघते लोग
कुछ बेहोश सोते
कुछ थकान से बदहवास
घर लौटते लोग
वीरान सुनसान सी
सड़कें और गलियाँ
घरों में सिमटी रसोइयाँ
बंद लाइटें
सब चुप-चाप शांत
जैसे सारा शहर
नींद के आगोश में
आराम पा रहा…
©️कंचन”अद्वैता”