रात्रि को दीपक जगाना है
रात्रि को दीपक जलाना है
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रात्रि को दीपक जलाना हैं
कोरोना जड़ से मिटाना है
दीया ,मोमबत्ती या टॉर्च से
तम में उजियारा जगाना हैं
कोरोना वैश्विक महामारी है
ईश्वरीय शक्ति से भगाना है
संकट घड़ी जग में आई है
एकता से संकट मिटाना है
घर से घर में प्रकाश करना
अन्धे को रास्ता दिखाना है
कोरोना ने तमस फैलाया है
प्रकाश से ये तम मिटाना है
उजाले में दृढ़ संकल्पित हो
अनेकता का पाठ पढ़ाना है
लॉकडाऊन नहीं बाधित हो
घर से ही देश को जगाना है
सुखविंद्र कोई रह जाए ना
सर्वजन में संदेश पहुंचाना है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)