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21 Feb 2018 · 1 min read

रातरानी

रातों को तुम्हारा यूँ खिलना

सबसे भिन्न है , विशेष है ..

चाँद हर रात छू लेता होगा

अपने स्पर्श से खिला देता होगा भावों को ..

परिणय के सपनो को बल देता होगा ..

और तुम उन्ही सपनो को संजोकर

महक उठती हो .. खिल उठती हो ..

रात्रि के अन्धकार में तुम्हारे लिए ही

वो जुगनुओं की लालटेन लेकर आता है ..

तुम्हारा गौरवर्ण उस प्रकाश में

सम्मोहन का केंद्र मालूम पड़ता है ..

तुम्हारे प्रेम का प्रमाण

फैल जाता है पूरे वातावरण में

झींगुर प्रेम गीत गाने लगते हैं

मच जाती है चहलपहल जुगनुओं की

हवाएँ बाँट आतीं हैं समाचार ..

जिस चाँद को सब ताकते भर हैं

उसे तुम धरती पर ले आती हो ..

तभी तुम रात्रि की रानी कहलाती हो …

निहारिका सिंह

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 652 Views
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