राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
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राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार
जनप्रतिनिधि को जन चुने, यह जन का अधिकार
यह जन का अधिकार , राज्य का जन से नाता
पल में देश-प्रधान, एक भिक्षुक बन जाता
कहते रवि कविराय, बजाता सबका बाजा
जनादेश हर बार, बनाता अपना राजा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451