राजा और बुद्धि मान।
एक दिन चंदननगर के राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवा दी ,कि आज राज दरबार में सभी बुद्धि मान लोगों की सभा आयोजित की गई है। उसमें समस्त राज्य के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। राजा सभी बुद्धि मान लोगों से एक प्रशन पूछेंगे।जो सही उत्तर देगा। उसे इनाम में पांच हजार सोने की मोहरें दी जायेगी। समस्त राज्य के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए।राज्य दरबार लग गया। राजा ने एक प्रशन पूछा कि इस धरती माता को कौन उठा सकता है? जैसे ही राजा ने यह प्रशन किया चारों ओर सन्नाटा पसर गया।सब एक दूसरे का मुंह ताकने लगे। बहुत देर हो गई। फिर राजा ने पूछा है कोई ,इस प्रशन का उत्तर देने वाला! एकाएक उस बूढ़े आदमी ने हाथ जोड़कर कहा,हूजूर बुरा ना मानो तो उत्तर दे सकता हूं। राजा ने कहा बाबा आप उत्तर दे सकते हो।प्रशन था धरती कौन उठा सकता है?तब उस बूढ़े आदमी ने उत्तर दिया,कि मैं उठा सकता हूं।यह सुनकर सभी सभासद आचम्भित रह गये!तब उस बूढ़े आदमी ने मिट्टी का एक ढेला हाथ में लिया, और राजा ने सामने उसने वो ढेला राजा को दिया।तब राजा ने कहा मैं आप लोगों की परीक्षा ले रहा था।यह बूढ़ा आदमी बहुत बुद्धिमान है।इसका उत्तर सही है! सभी ने उसकी बहुत प्रसंसा की।