राजनीति
त्रयी
आने वाला है कहीं,लगता पुनः चुनाव।
नेताओं के दिख रहे,बदले अतः स्वभाव।।०१।।
राजनीति फिर दिख रही, नेताओं का खेल।
लूटेंगे ये देश को, करके फिर से मेल।।०२।।
सुनो सुनाऊँ आज मैं , बात पते की एक ।
राजनीति दलदल हुई, फँसते गए अनेक।।०३।।
त्रयी
आने वाला है कहीं,लगता पुनः चुनाव।
नेताओं के दिख रहे,बदले अतः स्वभाव।।०१।।
राजनीति फिर दिख रही, नेताओं का खेल।
लूटेंगे ये देश को, करके फिर से मेल।।०२।।
सुनो सुनाऊँ आज मैं , बात पते की एक ।
राजनीति दलदल हुई, फँसते गए अनेक।।०३।।