Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2023 · 1 min read

राजनीति =फर्ज निभाने राज नेता लेते हैं संकल्प ।

राजनीति
=फर्ज निभाने राज नेता
लेते हैं संकल्प ।
प्रजा पालक बन हितेषी
करते हैं तर्क।।

कुटनीतिज्ञ बनकर अब
चलते हैं कुछ चाल।।
देश द्रोही काम कर अब
बन जाते है काल।।

सत्ता लोभी हैं लालची
पद चाहिए श्री मान।।
करना पड़े जो कुछ भी
छल छिद्र का आदान।।

नीचा दिखाने पक्ष को
आतंक लिया हथियार।
जगह जगह मार पिट
उकसाने में होशियार।।

राजनीति का फर्ज भुल
कुटनीतिज्ञ है भरमार।
सत्तापक्ष को झुकाने अब
लाते हैं अविश्वास ।।

एक दुजे पर लगा आरोप
बच निकलना काम।
राजनीति अब दलदल बना
सज्जन करो आराम।।

न होगी राजनीति तुमसे
गद्दारों का‌ है‌ काम।
भ्रष्टाचारी, आतंकवादी का
पुरा पुरा अधिकार ।।

कवि विजय तो लिख दिया
लेखन अपना विचार।
राजनीति तो भुल बैठा नेता
कुटनीतिज्ञ है भरमार।।।

डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
1 Like · 338 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
अंतिम क्षणों का संदेश
अंतिम क्षणों का संदेश
पूर्वार्थ
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
क्या हमारी नियति हमारी नीयत तय करती हैं?
Soniya Goswami
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
कमली हुई तेरे प्यार की
कमली हुई तेरे प्यार की
Swami Ganganiya
मेरे मरने के बाद
मेरे मरने के बाद
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
नवीन जोशी 'नवल'
"क्या लिखूं क्या लिखूं"
Yogendra Chaturwedi
खिला तो है कमल ,
खिला तो है कमल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम्हें अकेले चलना होगा
तुम्हें अकेले चलना होगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Upon waking up, oh, what do I see?!!
R. H. SRIDEVI
इल्ज़ाम ना दे रहे हैं।
इल्ज़ाम ना दे रहे हैं।
Taj Mohammad
बदरा बरसे
बदरा बरसे
Dr. Kishan tandon kranti
3047.*पूर्णिका*
3047.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
Phool gufran
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
रक्षा में हत्या / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
*प्रणय प्रभात*
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
कोई तंकीद
कोई तंकीद
Dr fauzia Naseem shad
🌸दे मुझे शक्ति🌸
🌸दे मुझे शक्ति🌸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा
राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा
gurudeenverma198
Loading...