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24 Aug 2021 · 1 min read

राजनीति और जनता

चोंच लड़ावैं सब यहां और करैं हुड़दंग
रूठे जिनके लिये हैं वो सब फिरते चंग
वो सब फिरते चंग फिकर ना है काहू की
अपना भरते पेट औ ऐसी तैसी सब की
सोंचि व्यथित मतिभंग भे कैसी सबकी सोंच
बुद्धी से पैदल फिरैं और लड़ावैं चोंच

़़़़़़़ अशोक मिश्र

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