“राखी “
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर होती है राखी,
प्यार और मीठी शरारतों की होड़ होती है राखी
भाई की कलाई पर राखी बांधती है बहना,
स्नेह का यह रिश्ता, पवित्र ,प्यारा है ना,
रक्षा का यह वचन हर हाल में निभाना है,
पुकारे जो बहना भैया दौड़े चले आना है ,
सावन के महीने में राखी का त्यौहार आता है,
परिवार के लिए ढ़ेरों खुशियाँ लाता है ,
भाई बहन का पावन प्रेम बढ़ाती है राखी,
रिश्तों को और करीब लाती है राखी
साथ पले और साथ में बढ़ते ,
कभी झगड़ते कभी हो प्यार,
उन यादों को दोहराने,आया राखी का त्यौहार।