राखी
सच्चे भाव पिरोती बहना।
भाई बहन नेह है गहना।।
सुंदर थाल सजा कर लाती।
आशीषे दे तिलक लगाती।।
सुंदर रंगों का शुभ धागा।
बांध भाग्य भाई का जागा।।
खुशियों का वो सावन लाई।
राखी बांध बहन हरषाई।।
उपहार नेग ना कुछ दावत।
बहना पीहर मंगल चाहत।।
मन की उसको कहने देना।
बंधन वचन निभा तुम लेना।।
©®✍️ अरुणा डोगरा शर्मा