राखी
राखी
गीत
दर पे आयी है बहना मेरे भाइयो।
लाज राखी की रखना मेरे भाइयो।।
डोर नाजुक मगर दे दुआएं बहुत ।
मुस्कुराते ही रहना मेरे भाइयो।।
राखी तो भाई बहनों का त्योहार है।
हूँ पराई मगर फिर भी अधिकार है।।
उम्रभर रक्षा करने का दे दो वचन।
चाहूँ साड़ी न गहना मेरे भाईयों।।
लाज राखी की ———————
छोटी बेटी बड़ी मा बहन हम उमर।
पाक निर्मल सदा भाव हों इस कदर।।
भाई राखी का इतना सा अरमान है ।।
और अब कुछ न कहना मेरे भाइयो।।
लाज राखी की—————–
रक्षाबंधन अमरप्रेम का पर्व है ।
बहनाभाई पे करती सदा गर्व है ।।
तेरे कारण ये मस्तिष्क ऊँचा रहे।
काम ऐसे ही करना मेरे भाइयों।।
लाज राखी की——————-
ज्योति श्रीवास्तव