राखी बांधना छोड़ दे
यू अच्छा नही लगाता तेरा बार बार घर आना,
पति से लड़कर बच्चो को साथ लाना l
माँ पापा है जब तक तो देख लेंगे,
हमसे मत रखना उम्मीद की हम तेरे लिए कुछ करेंगे l
तेरा परिवार है तो अपने तरिके से निपट,
बात बात पर यहा आकर मत लिपट l
ऐसे विचार वाले भाई हो तो बहन राखी बांधना छोड़ दे,
अपने इस खून के रिश्तो को नया मोड़ दे l
माँ पापा है तब तक ही घर आऊगी ,
और तू फिक्र मत कर तेरा एक पैसा भी नही खर्च कराऊंगी l
इंसान तू भी है और इंसान हू मैं भी ,
जीने का हुनर आता है आज भी l
तूने तो कह दिया की माँ पापा
तुम नही रहोगे तो उसका क्या होगा,
यहा मौत उमर देख कर नही आती
कभी कभी कुछ मौते बेवजह भी हो जाती है l