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11 Aug 2022 · 1 min read

राखी त्यौहार बंधन का – डी के निवातिया

राखी त्यौहार बंधन का
***
चन्दन का न वंदन का,
राखी त्यौहार बंधन का !

बहना का, ना भाई का,
ये त्यौहार सच्चाई का !

भई रोली का न मोली का,
रक्षाबंधन मीठी बोली का !

उम्मीदों ना किसी आस का,
राखी त्यौहार विश्वाश का !

जिह्वा का ना प्रमेह का,
राखी त्यौहार स्नेह का !

रिश्ते ना, बही-खाते का,
ये त्यौहार सच्चे नाते का !

चाँदी का ना सोने का,
मन से अपना होने का !

रेशम का ना सूत का,
ये बंधन रक्षासूत्र का !

ये राजा का, ना रंक का
राखी धागा प्रेम रंग का !

अमीरो का न गरीबो का,
उत्सव अपने करोबो का !

—@ डी के निवातिया

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