राखी त्यौहार बंधन का – डी के निवातिया
राखी त्यौहार बंधन का
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चन्दन का न वंदन का,
राखी त्यौहार बंधन का !
बहना का, ना भाई का,
ये त्यौहार सच्चाई का !
भई रोली का न मोली का,
रक्षाबंधन मीठी बोली का !
उम्मीदों ना किसी आस का,
राखी त्यौहार विश्वाश का !
जिह्वा का ना प्रमेह का,
राखी त्यौहार स्नेह का !
रिश्ते ना, बही-खाते का,
ये त्यौहार सच्चे नाते का !
चाँदी का ना सोने का,
मन से अपना होने का !
रेशम का ना सूत का,
ये बंधन रक्षासूत्र का !
ये राजा का, ना रंक का
राखी धागा प्रेम रंग का !
अमीरो का न गरीबो का,
उत्सव अपने करोबो का !
—@ डी के निवातिया