राखी का त्योहार
खुशियों भरा त्योहार है राखी
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खुशियों भरा त्योहार है राखी,
बहन भाई का श्रृंगार है राखी।
रेशमी धागे की यह डोर नहीं,
छिपा है जिसमें प्यार है राखी।
मोह,माया, लोभ से दूर बहुत,
मान सम्मान सत्कार है राखी।
मेला जैसे भरता तन मन का,
सुंदर सलोना संसार है राखी।
जिनकी कलाई सूनी है रहती,
उनके लिए तिरस्कार है राखी।
मनसीरत मन से लाड़ लड़ाये,
प्यासे नैनों का दीदार है राखी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)