मध्यप्रदेश पर कुण्डलियाँ
(1.) रह गए नाथ अकेले
नाथ अकेले रह गए, छूटा सबका हाथ
बाइस मंत्री दे रहे, ‘महाराज’ का साथ
‘महाराज’ का साथ, दिग्गी हुए भौचक्के
बीजेपी का राज, लग रहे जमकर छक्के
महावीर कविराय, ख़त्म दुनिया के मेले
क्यों महफ़िल में हाय, रह गए नाथ अकेले
(2.) लगा सिन्धिया दोष
डेढ़ बरस के राज को, लगा सिन्धिया दोष
दिग्गी का अपराध था, कमलनाथ बेहोश
कमलनाथ बेहोश, चलाओ कोई चप्पू
इटली से तुम आज, लौट के आओ पप्पू
महावीर कविराय, पार्टी पे खाओ तरस
कमलनाथ सरकार, हाय! केवल डेढ़ बरस
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