#कुंडलिया//
प्यासा मन यश का हुआ , नोटंकी की टेक।
फ़ोटो का बस शौक़ है , करते काम न एक।।
करते काम न एक , चलन हुआ अरे कैसा।
नारे भाषण ख़ूब , करे नहीं कहें जैसा।
सुन प्रीतम की बात , पकड़ सच्चाई पासा।
लिए प्रेम जल हाथ , पिला रहे न जन प्यासा।
#आर.एस. ‘प्रीतम’